जय छत्तीसगढ़ महतारी

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विधानसभा चुनाव लड़ने उतरी छत्तीसगढ़ महतारी पार्टी, 90 सीटों पर चुनाव लड़ने का किया एलान...

विधानसभा चुनाव लड़ने उतरी छत्तीसगढ़ महतारी पार्टी, 90 सीटों पर चुनाव लड़ने का किया एलान...

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रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चूका हैं. आपको बता दे कि, सभी राष्ट्रिय और क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टी चुनाव के मैदान पर उतर गए हैं, और छत्तीसगढ़ महतारी पार्टी भी चुनावी जंग में उतर गया है, 

छत्तीसगढ़ महतारी पार्टी 90 विधानसभा में लड़ेंगे चुनाव-

बता दे कि छत्तीसगढ़ महतारी पार्टी छत्तीसगढ़ राज्य के 90 सीटों में हमारी पार्टी चुनाव लड़ेगी, जिसकी अजेंडा हर कार्य में छत्तीसगढ़िया को पहला प्राथमिकता रहेगा, चाहे वह नौकरी, पढ़ाई और सरकारी ठेका क्यों ना हो सभी में सर्वप्रथम छत्तीसगढ़िया रहेगा. 

PSC का जवाब नहीं…फिर आया नया स्कैम…गलत जवाब पर दिया दिल फेंक कर नम्बर…सवाल हनुमान सिंह पर.. जवाब वीरनारायण सिंह का.. आसाम में कूनो अभ्यारण्य.

PSC का जवाब नहीं…फिर आया नया स्कैम…गलत जवाब पर दिया दिल फेंक कर नम्बर…सवाल हनुमान सिंह पर.. जवाब वीरनारायण सिंह का.. आसाम में कूनो अभ्यारण्य.

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बिलासपुर— छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग को देश में ऐसे ही बदनामी का दर्जा हासिल नहीं हुआ है। चहेते गलत लिखे या सही…यदि आयोग ने ठान लिया है तो सवाल का गलत जवाब देने वाले को भी एसडीएम बनाया जाएगा।  साल 2005 से साल 2022 तक यही हो रहा है। शायद ही कोई ऐसी परीक्षा हो जिसे आयोग ने आयोजित किया और विवादों में नहीं आया हो। अब सोशल मीडिया में साल 2022 में ली गयी मुख्य परीक्षा की कापी जमकर वायरल हो रही है। मजेदार बात है कि गलत जवाब पर कापी जांचने वालों ने दिल खोलकर नम्बर दिया है।
मतलब सवाल यदि रांची पर किया गया है तो करांची जवाब लिखने वालों को काफी जांचने वालों ने उदारता के साथ नम्बर दिया है। बहरहाल वायरल कापी को लेकर प्रतियोगियों में जमकर आक्रोश है। नाम नहीं छापने की शर्त पर एक प्रतियोगी ने बताया कि दिल तो आत्महत्या करने की हो रही है। लेकिन अब कोर्ट का दरवाजा खटखाटाएंगे साल 2022 की परीक्षा को निरस्त किए जाने की मांग करेंगे।
 छतीसगढ़ लोक सेवा आयोग का मतलब छत्तीसगढ लोक स्कैम कमीशन होकर रह गया है। आयोग ने राज्य बनने के बाद साल 2005 से आज तक जितनी भी परीक्षाओं का आयोजन किया….कमोबेश सभी परीक्षाएं विवादों में ही रही है। साल 2021 में अधिकारियों और नेताओं के बच्चों का एसडीएम बनने का मामला थमा नहीं था। कि एक बार फिर नया मामला सामने आ गया है।
2022 में आयोजित मुख्य परीक्षा में शामिल कुछ छात्रों की उत्तर पुस्तिका इस समय सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रही हैं। मजेदार बात है कि गलत जवाब पर कापी जांचने वालों ने उदारता के साथ नम्बर दिया है। सही जवाब देने वालों के भविष्य से जमकर खिलवाड़ भी किया है।  या तो शून्य नम्बर दिया है या फिर आधा नम्बर देकर चहेतों को मेरिट में ला खड़ा कर दिया है।
प्रश्न हनुमान सिंह पर जवाब वीर नारायण का
मुख्य परीक्षा का प्रश्न क्रमांक 15 में वीर हनुमान सिंह के योगदान का सवाल किया गया है। छात्र ने वीरनारायण सिंह के बारे में लिखा है। उत्तर में इस बात का भी जिक्र किया है कि वीरनारायण सिंह 23  अगस्त 1957 में जेल में सुरंग बनाकर आजाद हुए।  जबकि छत्तीसगढ़ का एक एक बच्चा जानता है कि मामला 1857 का है।  100 शब्दों में दिए गलत जबाव में कापी जांचने वाले ने 8 अंक में से कुल साढ़े पांच अंक दिल खोलकर दिया है।
चिराग योजना को बताया स्वास्थ्य योजना
आयोग ने सवाल नम्बर चार में छत्तीसगढ़ सरकार की मुख्यमंत्री चिराग योजना के बारे में पूछा है। छात्र ने अंग्रेजी माध्यम में जवाब दिया है। चिराग योजना का सम्बन्ध स्वास्थ्य योजना से खासकर बच्चों के लिए है।  6 साल से कम या अधिक उम्र के बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा को लेकर योजना को केन्द्रित किया गया है।
  जबकि चिराग योजना छत्तीसगढ़ शासन की एकीकृत कृषि, भूमि और जल संरक्षण, कृषि बागवानी, मत्स्य पालन, पशु पालन और दुग्ध उत्पादन जैसी गतिविधियों को लेकर है।
प्लेटो के सद्गुण…बे सिर पैर लिा जवाब
आयोग ने सवाल पांच में प्लेटो का सद्गुण सिद्धान्त के बारे में पूछा गया है। छात्र ने क्या लिखा…शायद ही उसे पता हो…फिर कापी जांचने वाले ने खुश होकर दो अंक के सवाल पर डेढ़ अंक दिया है। यह जानते हुए भी कि विवेक,संयम, साहस और न्याय प्लेटो के चार सद्गुण का सिद्दांत है। जबकि छात्र ने उपादान, निमित्त,आकरिड और प्रयोजन बताया है।
श्योपुर का कुनो…आसाम में बताया
आयोग का सवाल 9 कूनो अभयारण्य के बारे में है। छात्र ने कूनों को आसाम में होना बताया है। छात्र ने लिखा है कि कूनो अभयारण्य में एक सिंग वाला गेंडा रहता है। यहां कूनो जनजाति रहती है। यह जानते हुए भी कि कूनो अभ्यारण्य श्योपुर ग्वालियर मध्यप्रदेश में है।  चार अंक के 60 शब्दों में दिए गए गलत जवाब पर कापी जांचने वाले ने दो अंक दिया है। इतना ही नहीं..नक्शा बनाकर छात्र ने आसाम को भी चिन्हित किया है। ।
निपात का सवाल…अगडम बगड़म जवाब…
सवाल नम्बर 2 में निपात का जवाब छात्र ने गिरना बताया है। जबकि निपात का उत्तर अतिरिक्त भार या बातचीत के दौरान शब्दो और वाक्यों पर जोर देने से होता है। लेकिन छात्र ने निपात की परिभाषा उदाहरण के साथ गिरना बताया है। मजेदार बात है कि कापी जांचने वाले ने तीन में डेढ़ अंक दिया है।
कम्प्यूटर आपरेटिंग सिस्टम का गलत जवाब
सवाल 2 में लोकप्रिय आपरेटिं सिस्टम पूछा गया है। सवाल तीस शब्दों में दो अंक का है। छात्र ने कम्प्यूटर का चार हार्डवेयर जैसे की बोर्ड, माउस, प्रिंटर और मानीटर लिखा है। सही उत्तर MS-DOS, UBUN, IOS, WINDODS OS,LINUX OS समेत अन्य दर्जनो प्रोग्रामिंग है। गलत जवाब पर भी छात्र को डेढ़ अंक दिया गया है।
ताश के पत्ते पर सवाल…जवाब गलत
आयोग का सवाल नम्बर सात… ताश की गड्डी से एक पत्ते के निकाले जाने और फेस प्रोबेबिलिटी का है। इसका सही जवाब 1/13  है।  जबकि छात्र ने  1/4 गलत उत्तर लिखा है।
छात्रों के साथ यह कैसा मजाक
सवाल उठता है कि आखिर गलत जवाब पर कापी जांचने वालों ने दिल खोलकर अंक लुटाया क्यों। कई सवालों के सही जवाब पर पर्याप्त अंक दिया क्यों नहीं। छात्रों के कई सवाल हैं…लेकिन हमेशा की तरह आयोग इस बार भी चुप है। लेकिन छात्रों ने एक बार फिर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने का मन बना लिया है। छात्रों ने बताया कि बेहतर होगा कि छत्तीसगढ़ आयोग को भंग कर परीक्षाएं दुसरे राज्यों के आयोग से करायी जाए।

CG-रिश्वत वाली पोस्टिंगः 2723 शिक्षकों की पोस्टिंग बदलने से छत्तीसगढ़ के 450 स्कूल शिक्षक विहीन, 6151 स्कूल एकल शिक्षकीय हो गए, सरकार ने कोर्ट में नौनिहालों की दी दुहाई

CG-रिश्वत वाली पोस्टिंगः 2723 शिक्षकों की पोस्टिंग बदलने से छत्तीसगढ़ के 450 स्कूल शिक्षक विहीन, 6151 स्कूल एकल शिक्षकीय हो गए, सरकार ने कोर्ट में नौनिहालों की दी दुहाई

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रायपुर। शिक्षकों की पोस्टिंग घोटाले में कल हाई कोर्ट में सरकार की तरफ से कहा गया कि पोस्टिंग में गड़बड़झाले की वजह से स्कूलों की व्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ा है। इसकी वजह से बड़ी संख्या में स्कूल या तो शिक्षक विहीन हो गए हैं या फिर एकल शिक्षकीय हो गए हैं। यदि इन अधिकारिता विहीन एवं नियम विपरित किये गये संशोधनों को निरस्त नहीं किया गया तो शिक्षा व्यवस्था पर पड़े हुए दुष्प्रभाव से उबरना विभाग के लिये असंभव होगा साथ ही शिक्षा विभाग में अनैतिक राजनैतिक हस्तक्षेप लगातार होता रहेगा और भ्रष्टाचार की प्रवृति को भी बढ़ावा मिलेगा। फलस्वरूप दूरस्थ एवं दुर्गम स्थानों में स्थापित शालाओं में शिक्षकों का पदांकन किया जाना असंभव होगा। इससे छत्तीसगढ़ के नवनिहालों का भविष्य अंधकारमय हो जायेगा।संभागीय आयुक्त की रिपोर्ट से यह स्पष्ट हुआ है कि संभागीय संयुक्त संचालको द्वाराजारी गये संशोधन आदेश अधिकारिता विहीन एवं गैर कानूनी है। संभाग आयुक्तों की रिपोर्ट से यह भी स्पष्ट हुआ है कि इन आदेशों के गैर कानूनी होने के साथ साथ राज्य में निम्नलिखित स्थिति भी उत्पन्न हुई है।ऽ अब राज्य में 450 शालाएं शिक्षक विहीन एवं 6151 शालाएं एकल शिक्षकीय हो गई है।ऽ राज्य में यह धारणा प्रबल हुई है कि सिफारिशों एवं धन बल के बदौलत गैर कानूनी तरीके से अपनी पदस्थापना चाहे गये स्थान पर कराई जा सकती है। 13. उपरोक्त तथ्यों के दृष्टिगत राज्य शासन द्वारा 4 संभागीय संयुक्त संचालाकों ( 1 श्री के0 कुमार, रायपुर 1.2 श्री हेमंत उपाध्याय, सरगुजा । 3 श्री एस. के प्रसाद, बिलासपुर 4 श्री गिरधर मरकाम, दुर्ग ) एवं अन्य संबंधित अधिकारी / कर्मचारियों को निलंबित किया गया है।संबंधित अधिकारियों को निलंबित किये जाने के साथ-साथ उनके द्वारा नियम विरूद्ध किये गये 2723 संशोधनों को निरस्त करते हुये संबंधित शिक्षकों को ओपन काउंसलिंग के माध्यम से किये गये पदांकन वाली संस्था में 10 दिन के भीतर कार्यभार ग्रहण करने के आदेश दिये गये है।उल्लेखनीय है कि शासन द्वारा केवल संशोधन पदांकन आदेशों को ही निरस्त किया गया है, शिक्षकों की पदोन्नति निरस्त नहीं की गई है और न ही किसी शिक्षकों को पदोन्नति से वंचित किया गया है अपितु शिक्षक को ओपन काउंसलिंग के माध्यम से पदांकित मूल शाला में भेजकर राज्य के विभिन्न शालाओं में शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु प्रयास किया गया है।उल्लेखनीय है कि संभाग आयुक्तों से कराई गई उपरोक्त जांच प्रारंभिक जांच है शासन द्वारा छ०ग० सिविल वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील नियम 1966 के तहत विभागीय जांच नियमानुसार संस्थित किये जाने हेतु कार्यवाही प्रचलन में है। इस जांच के उपरांत, संयुक्त संचालकों द्वारा किये गये उपरोक्त संशोधनों से उत्पन्न विसंगतियों के संबंध में और अधिक जानकारी प्राप्त हो सकेगी। यदि इन अधिकारिता विहीन एवं नियम विपरित किये गये संशोधनों को निरस्त नहीं किया गया तो शिक्षा व्यवस्था पर पड़े हुए दुष्प्रभाव से उबरना विभाग के लिये असंभव होगा साथ ही शिक्षा विभाग में अनैतिक राजनैतिक हस्तक्षेप लगातार होता रहेगा और भ्रष्टाचार की प्रवृति को भी बढ़ावा मिलेगा। फलस्वरूप दूरस्थ एवं दुर्गम स्थानों में स्थापित शालाओं में शिक्षकों का पदांकन किया जाना असंभव होगा जिससे छ०ग० के नवनिहालों का भविष्य अंधकारमय हो जायेगा।

इससे पहले याचिकाकर्ताओं ने निम्न बिंदुओं को आधार बनाया...

1. शासन द्वारा दूषित आदेश पारित किया गया है।

2. याचिकाकर्ताओं को उनका पक्ष रखने का अवसर नही दिया गया।

3. एकपक्षीय कार्यमुक्त किया गया।

4. गैर वैधानिक आदेश जारी किये गये भर्ती नियम 2019 के अनुसार संयुक्त संचालक सक्षम अधिकारी है।

5. दूरी ज्यादा होने के कारण आवेदन किया गया था जो मान्य करते हुए सक्षम अधिकारी द्वारा संशोधन आदेश जारी किया गया। कार्यभार ग्रहण करने के बाद भी एकतरफा कार्यमुक्त किया गया।

6. पदांकन के बाद संशोधन हेतु प्रस्तुत आवेदन को स्वीकार्य कर संशोधन आदेश जारी किया गया।

7. पदांकन आदेश में संशोधन किये जा रहे है यह जानकारी होने पर होने पर आवेदन प्रस्तुत किया गया जिसे सक्षम अधिकारी द्वारा मान्य करते हुए संशोधन किया गया। 8. राज्य द्वारा क्षेत्राधिकार से बाहर जा कर कार्यमूक्त आदेश जारी किया गया।

9. छोटा बच्चा होने के कारण संशोधन हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया जिसे मान्य करते हुए पदांकन आदेश संशोधित किया गया उक्त आदेश को अवैधानिक तौर पर राज्य द्वारा निरस्त किया गया।

10. संभागीय संयुक्त संचालक भर्ती नियम 2019 के तहत स्थानांतरण एवं पदोन्नति हेतु सक्षम अधिकारी है। राज्य का निरस्तीकरण आदेश गलत है।"

इस आंदोलन को बढ़ाने में हमारी मदद करें

छत्तीसगढ़ महतारी पार्टी भारत का एकमात्र राजनीतिक दल है जो क्राउडफंडिंग के माध्यम से 100% चलता है और प्राप्त प्रत्येक रुपये का हिसाब रखता है